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कुर्बानी है छोड़ने पाने का व्यपार,छोड़ा कम पाया ज़्यादा और पाया अहंकार || आचार्य प्रशांत (2015)

2019-11-29 4 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१ नवम्बर २०१५<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />प्रसग:<br />दूसरे की सहायता कैसे करें?<br />ऐसा विचार क्यों आती है कि दूसरे के खुशी के लिए अपना जीवन कुर्वान कर दूँ?<br />कुर्बानी है छोड़ने पाने का व्यपार,छोड़ा कम पाया ज़्यादा और पाया अहंकार<br />कुर्बानी करने योग्य क्या है?

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